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विधानसभा से लेकर नगरनिगम के ’मैचों’ में हार का मूंह देख चुकी कांग्रेस पार्टी अब अपनी साख-सत्ता बचाने को जीतोड़ मेहनत कर रही है। करोड़ों युवाओं के रोल माॅडल सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा का निमंत्रण थमाना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। फिल्मी-नामी हस्तियों को पार्टियां समय समय पर ’जियावनहार’ के रूप में सामने लाती रही है। इससे पहले भी राजबब्बर , जावेद अख्तर, अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे महारथी भी सियासत की चैपाल में बैठ चुके हैं। बोफोर्स घोटाले का जिन्न बोतल में बंद करने के लिए गांधी परिवार के पास इससे अच्छा मौका क्या हो सकता था कि सचिन , अनुआगा और रेखा जैसी नामी हस्तियों को ’राजकाज का ताज’ सौंप जनता में सकरात्मक संदेश दिया जा सके । मास्टर ब्लास्टर सचिन की राजनीतिक पारी को लेकर सियासत की भट्टी में ऐक बार फिर से अटकलों का धुंआ उठ रहा है और आम आदमी भी यही सोच रहा है कि यदि कांग्रेस ने मौके पर सचिन को जनता की नब्ज टटोलने के लिए मैदान में उतार दिया तो क्या ऐक महान खिलाड़ी की साख पर पानी फिर जायेगा या फिर लोग इसे राजनीति का पेंच समझ पचा लेंगे! सवाल ये भी ये है कि क्या राजनीति की अहम बैठकों में सचिन अपने सपनों का खेल छोड़ पाएंगे। हालांकि शोर शराबे और बधाइयों के बीच अभी जनता ने इस फैंसलेे से इर्द गिर्द सोचने का मन नहीं बनाया है पर निकट भविष्य में ’भगवान’ का बल्ला किस ओर घूमे अभी कहा नहीं जा सकता। राजनीति के इस रोमांचक मैच में सचिन किस पार्टी के लिए कितना बड़ा स्कोर खड़ा करते हैं देखना बाकी है।
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